
Manipur Violence : भारत का वो अभिन्न हिस्सा जो लगभग 750 दिनों बाद भी हिंसा की आग में झुलस रहा है, जहां सिन्दूर के साथ आँचल को भी नहीं बख्शा गया
MANIPUR IS BURNING
भारत का वो अभिन्न हिस्सा जो लगभग 750 दिनों बाद भी हिंसा की आग में झुलस रहा है, जहाँ 300 से ज्यादा मौतें, 1500 से अधिक घायल, 70 हजार ने घर छोड़ा वो मणिपुर जहां सिन्दूर के साथ आँचल को भी नहीं बख्शा गया
केंद्र लगातार नजर बनाए हुए, लेकिन हिंसा जारी, “ऑपरेशन सिंदूर” की तरह “ऑपरेशन शांति” जैसी पहल की जरूरत
रिंकू हर्ष
RNE, SPECIAL.
मणिपुर देश वो राज्य सामरिक दृष्टि से भी अतिमहत्वपूर्ण है हिंसा की आग से बाहर आने का नाम ही नहीं ले रहा है बल्कि दिनों-दिन वह उसमें झुलसता ही जा रहा है। आज लगभग हिंसा भड़के हुए 2 साल से ऊपर हो गए है और 300 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके है ।
इस विशेष बुलेटिन में हम इस हिंसा के पीछे के कारणों की नब्ज टटोलने की कोशिश करेंगे
फरवरी 2023 में अतिक्रमण हटाने से लगी चिंगारी, आज ज्वाला बनकर धधक रही :
वर्ष 2023 के फरवरी महीने में मणिपुर सरकार ने पहाड़ी इलाके जहां कुकी समुदाय निवास करता था अवैध निर्माण होने के नाम पर उनकी बस्तियों को हटाया गया। इतना ही नहीं कुकी स्टूडेंट्स आर्गेनाईजेशन के महासचिव डी. जे हाओकीप ने यह आरोप लगाया था कि कई इलाकों में कुकी आदिवासियों को हटाने के लिए रिज़र्व फॉरेस्ट घोषित किया जा रहा है और यह कार्यक्रम वर्षों से चला आ रहा है।
मैतैई समुदाय के लिये हाईकोर्ट का आदेश, तनातनी में बढ़ोतरी :
27 मार्च 2023 को मणिपुर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि मैतैई आदिवासियों के आरक्षण की मांग पर 4 हफ्तों में अपने विचार दें। बस कोर्ट के इस आदेश पर नागा-कुकी समुदाय की नाराजगी ने हिंसा का रूप ले लिया।
3 मई को नागा-कुकी समुदाय की रैली, हिंसा भड़की
मणिपुर हाईकोर्ट से नागा-कुकी समुदाय की नाराजगी अब हिंसा का रूप धारण कर रही थी। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन के नेतृत्व में आदिवासी एकता मार्च के नाम से रैली निकाली गई जिसमें नगा और कुकी समुदाय के लोग शामिल हुए और आदिवासी और गैर आदिवासियों में भिड़ंत हुई। इस भिड़त को काबू करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस का उपयोग किया लेकिन बात नहीं सुधरी और हिंसा का तांडव पूरे मणिपुर में फैल गया।
मणिपुर सरकार का आदेश, देखते ही गोली मारों :
मई की रैली के बाद हिंसा पूरे मणिपुर में फैल गई इसी को रोकने के लिए असम राइफल्स और भारतीय सेना की 55 टुकड़ियां मणिपुर में तैनात कर दी गई । इसी बीच मणिपुर सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया।
अनुच्छेद 355 लागू, केंद्र ने ली सुरक्षा की जिम्मेदारी :
हिंसा की आग भड़कते देखते हुए केंद्र ने अनुच्छेद 355 लागू कर दिया और सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ले ली। मणिपुर में 14 मई तक 126 सेना कॉलम और अर्धसैनिक बलों की 62 कंपनियों का जमावड़ा था।
आँचल पर वार, नग्न महिलाओं का वीडियो वायरल :
19 जुलाई 2023 को ट्विटर पर एक वीडियो वायरल होता है जिसमें 1000 लोगों की भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है। यह घटना 4 मई को फैली एक अफवाह से प्रेरित थी जिसमें एक मैतैई महिला के बलात्कार और हत्या की बात थी।
13 फरवरी 2025 से केंद्र ने संभाला मोर्चा :
9 फरवरी 2025 को मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के तत्काल बाद 13 फरवरी को केंद्र ने मणिपुर विधानसभा को भंग कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया।
हाल ही में पूर्व हेड कॉन्स्टेबल की गिरफ्तारी, हिंसा फिर भड़की, जरूरी सामानों के दामों में बढ़ोतरी :
हाल ही में CBI ने हथियार तस्करी के आरोप में एक मैतैई नेता अशेम कनन सिंह को गिरफ्तार किया जो कि पहले मणिपुर पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात था उसे कई आपराधिक गतिविधियों, जैसे हथियार तस्करी, मारपीट के आरोप में उसे सस्पेंड कर दिया गया था। कनन सिंह की गिरफ्तारी से एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। इसी बीच इम्फाल सहित मणिपुर के पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। हिंसा के कारण ट्रांसपोर्ट सेवा बाधित हुई और उससे जरूरी चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो गई है।
बीरेन सिंह और सनाजाओ दिल्ली तलब :
फिर से चुनाव और सरकार बनाने की अटकलों पर शायद विराम लगता दिख रहा है केंद्र राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने के मूड में नजर आ रहा है। इसी बीच मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यसभा सांसद लीसेम्बा सनाजाओ को राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली तलब किया है।